Arvind Kejriwal: केजरीवाल के सामने क्यों आई इस्तीफा देने की नौबत? 48 घंटे बाद कुर्सी छोड़ने की जानिए वजह
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा देने की घोषणा की है वो 48 घंटे बाद सीएम की कुर्सी छोड़ देंगे। उन्होंने यह फैसला जेल से बाहर आने के बाद किया है। वो दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मामले में जेल में बंद थे। उनके सामने यह नौबत क्यों आई है इसके पीछे के कारणों में जाएं तो आबकारी घोटाले ऐसा मामला है जिसने AAP की छवि को नुकसान पहुंचाया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा देने की घोषणा की है वो 48 घंटे बाद सीएम की कुर्सी छोड़ देंगे। उन्होंने यह फैसला जेल से बाहर आने के बाद किया है। वो दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मामले में जेल में बंद थे। उनके सामने यह नौबत क्यों आई है इसके पीछे के कारणों में जाएं तो आबकारी घोटाले ऐसा मामला है जिसने AAP की छवि को नुकसान पहुंचाया।
नई दिल्ली। साढ़े पांच महीने से अधिक समय तक तिहाड़ जेल में रहने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जब जेल से बाहर आए हैं तो उन्होंने पद से दो दिन बाद इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है। उनके सामने यह नौबत क्यों आई है, इसके पीछे के कारणों में जाएं तो आबकारी घोटाले ऐसा मामला है, जिसने आम आदमी पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाया है। मनीष सिसोदिया के साथ-साथ केजरीवाल भी इसी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पांच माह से अधिक समय तक जेल में रहे हैं और उन्हें बहुत कठिनाइयों के बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल सकी है। उसमें भी कोर्ट से प्रतिबंध लगाए हैं। क्या है आबकारी घोटाला, आइए डालते हैं इस पर एक नजर…
यह बात 2021 की है, जब दिल्ली सरकार ने नई आबकार नीति लागू की थी, सरकार ने इस नीति के माध्यम से राजस्व बढ़ाने का दावा किया था। नीति लागू हो गई थी, दिल्ली वालों को सस्ते में शराब मिल रही थी।
आधे दामों में मिलती थी शराब
उस साल मार्च आते-आते आधे दाम पर भी लोगों को शराब मिली थी। इस नीति में एक नया प्रयोग यह किया गया था कि इस नीति में शराब बेचने का काम निजी कंपनियों को सौंपा गया था। वहीं, यही वह मुद्दा था जो केजरीवाल ही नहीं पूरी आम आदमी पार्टी के लिए परेशानी बना।
आप के बड़े नेता पहुंचे जेल
एलजी को मिली शिकायतों के आधार पर उस समय के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने इस मामले की जांच की। उन्होंने एलजी को सौंपी रिपोर्ट में इसमें बड़े घोटाले की बात कही और यहीं से इस घोटाले की बात सामने आई। 22 जुलाई 2022 को एलजी वीके सक्सेना ने इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी।