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बेटी की ‘घर वापसी’: ससुराल में घुट-घुटकर जी रही थी, धूमधाम से पिता ले गया मायके

कानपुर में तलाक के बाद ढोल बजाते हुए पिता बेटी को मायके लेकर आ गया। पिता ने कहा जिस बेटी को बहू बनाकर उसके ससुराल भेजा था, अब उसे फिर बेटी बनाकर घर लाए हैं। बेटी व पांच साल की नातिन की जिम्मेदारी वह खुद उठाएंगे।

आठ साल से घुट-घुटकर जी रही उर्वी को तलाक के बाद उसके पिता रविवार को ठीक उसी तरह ससुराल से विदा करके लाए, जैसे उसे ससुराल भेजा था। हाथ में शादी की चुनरी लिए उर्वी पिता व सगे-संबंधियों के साथ ढोल के साथ ससुराल पहुंची। घर के दरवाजे पर चुनरी बांधी और इसके बाद ढोल बजाते हुए सभी मायके लौटे। पिता ने कहा जिस बेटी को बहू बनाकर उसके ससुराल भेजा था, अब उसे फिर बेटी बनाकर घर लाए हैं। बेटी व पांच साल की नातिन की जिम्मेदारी वह खुद उठाएंगे।
निरालानगर, दीप सिनेमा के सामने रहने वाले बीएसएनएल से रिटायर्ड अनिल कुमार सविता ने बताया कि इकलौती बेटी 36 वर्षीय उर्वी इंजीनियर है और दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर कार्यरत है। 2016 में बेटी की शादी विमाननगर, चकेरी के रहने वाले गोपाल प्रसाद के बेटे आशीष रंजन से हुई थी। आशीष कंप्यूटर इंजीनियर है और दिल्ली में ही नौकरी करता है। शादी के बाद बेटी-दामाद दिल्ली में रहने लगे। पिता का आरोप है कि दहेज में कार व फ्लैट की मांग कर बेटी को प्रताड़ित किया जा रहा था। बेटी के रंग-रूप को लेकर ससुरालीजन ताने भी मारते थे।

अनिल ने बताया कि बेटी के नाम दिल्ली में फ्लैट खरीदकर दिया, जिसे दामाद अपने नाम कराना चाहता था। ऐसे में उन्होंने बेटी का मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न शुरू कर दिया तो पहले पुलिस से शिकायत की, फिर कोर्ट में केस किया। 28 फरवरी को कोर्ट से तलाक हो गया। शनिवार को बेटी दिल्ली से कानपुर आई। रविवार सुबह परिवार के लोग रामादेवी चौराहे के पास स्थित मलिक गेस्ट हाउस में एकत्र हुए। वहां से बेटी के ससुराल पहुंचे। घर के दरवाजे में चुन्नी बांधते समय उर्वी के आंसू छलक आए। आसपास के लोग निकल आए पर आशीष के घर से कोई नहीं निकला। बस छत में जेठानी गीता एक बार नजर आईं। इस दौरान जन चेतना नवयुवक सेवा समिति के अध्यक्ष विष्णु कुमार, समाज सेवी वैष्णव लांबा, शिखा सोनी व वसुंधरा सिंह मौजूद रहीं।
बेटी के जन्म के बाद अलग रहने लगा था पति
उर्वी का आरोप है कि पहले तो दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था लेकिन 2019 में उसने एक बेटी को जन्म दिया तो पति ये ताने मारने लगा कि बेटा चाहिए था। पति उसे व मासूम बेटी को छोड़कर अलग रहने लगा। आरोप है कि पति के किसी महिला से संबंध थे, जिसकी फोटो उसके पास हैं। इसके बावजूद समाज के लोगों को बैठाकर व महिला हेल्पलाइन की मदद से समझौते का प्रयास किया पर पति नहीं माना। आठ साल प्रताड़ना, मारपीट, ताने झेलते हुए परिवार बचाने की कोशिश की मगर अंत में रिश्ता टूट ही गया।

दीवार पर लिखा संदेश, अब चौखट पर न आए लक्ष्मी
उर्वी के चचेरे भाइयों ने उसकी ससुराल की दीवार पर कोयले से संदेश लिखा कि भगवान करे अब इस घर की चौखट पर कभी लक्ष्मी न आए। आशीष रंजन भगवान करे तुम्हें एक गिलास पानी देने वाला भी न हो। यही संदेश पत्र में भी लिखकर आसपास के घरों में डाला गया। उर्वी की मां कुसुमलता ने आसपास के लोगों को ससुरालीजनों की हरकतें बताईं।

समाज के नाम उर्वी का संदेश… विषम परिस्थितियों में बेटियों का साथ न छोड़ें माता-पिता
समाज में आज भी लड़कियों की दशा बहुत दयनीय है। इस जैसे परिवार जो बहुओं को सताते हैं, बहुत हैं। उन लड़कियों के मां-पिता से मेरा अनुरोध है कि वे ऐसी विषम परिस्थितियों में बेटियों का साथ न छोड़ें। विरोध अवश्य करें और ऐसे लोगों का पर्दाफाश करें, जिससे अन्य बेटियों का जीवन बस सके।- उर्वी सविता

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