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हनुमान जन्मोत्सव पर मंगल गोचर से चमकेगा इन 4 राशिवालों का भाग्य

हनुमान जयंती पर ऐसे पाएं साढ़ेसाती से राहत

hamarnews.in

 

Mangal Gochar In Hanuman Jayanti : इस साल संकटमोचक हनुमान जी के जन्‍मोत्‍सव पर अद्भुत संयोग बन रहा है। आज 23 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव पर ग्रहों के सेनापति मंगल गोचर कर रहे हैं। साथ ही आज मंगलवार भी है। मंगलवार का दिन भगवान हनुमान को प्रसन्‍न करने और मंगल ग्रह को मजबूत करने के लिए विशेष होता है। इस तरह मंगलवार के दिन यानी कि 23 अप्रैल मंगलवार को हनुमान जन्मोत्सव के दिन अंतरिक्ष में मंगल ग्रह का अपना राशि बदलना विशेष घटना है। मंगल अभी तक शनि के साथ कुंभ राशि में थे और अब ग्रहों के सेनापति मंगल गुरु के घर मीन राशि में अपना अगला पड़ाव बनाएंगे। इस तरह आज एकसाथ 3 बड़े संयोग – हनुमान जन्मोत्सव, मंगलवार एवं मंगल ग्रह का राशि परिवर्तन का बन रहे हैं। वहीं मीन राशि में राहु के साथ मंगल की युति भी बन रही है। यह स्थितियां किन राशि वालों के लिए मंगल करेंगी और किनका आज हम आपको बताएंगे।

इन चार राशिवालों के लिए शुभ साबित होगा संयोग
Hanuman Jayanti : मंगल प्रायः मेष, वृश्चिक, कर्क और सिंह राशि व लग्न वाले लोगों के लिए पॉजिटिव रहने वाला ग्रह है। अब से 40 दिनों तक इन राशि के लोगों के पर हनुमान जी की कृपा बनी रहेगी। इन लग्न और राशि के लोग हनुमान जन्मोत्सव पर हनुमान जी की आराधना करें, घर पर प्रतिमा हो तो उन पर सिंदूर का चोला चढ़ाएं, हनुमान चालीसा का पाठ कर उनकी आरती करें ताकि उनकी कृपा प्राप्त हो। इसके साथ ही बताई गई राशि के लोग पर्सनालिटी डेवलप करने की दिशा में परिश्रम बढ़ाएं। वे लोगों से मेलजोल बढ़ाएं, अच्छी किताबें पढ़ें, ज्ञानी लोगों के सानिध्य में ज्यादा समय व्यतीत करें। मंगल की ऊर्जा को पॉजिटिव कार्यों में लगाते हुए क्रोध करने से बचना चाहिए।

हनुमान जयंती पर ऐसे पाएं साढ़ेसाती से राहत
Mangal Gochar In Hanuman Jayanti : जो लोग शनि की साढ़ेसाती का प्रकोप झेल रहे हैं, उन लोगों को इसके प्रकोप से बचाव का उपाय हनुमान जन्मोत्सव के दिन करना चाहिए। इस दिन हनुमान जी की आराधना करने से शनिदेव स्वाभाविक रूप से प्रसन्न होते हैं और इस तरह हनुमान जी की आराधना से शनि का कोप शांत होता है। साढ़े साती का प्रभाव मकर, कुंभ और मीन राशि के लोगों पर है। इन तीन राशि वालों को हर हाल में सुबह नित्यकर्म से निवृत्त होकर हनुमान जी की प्रतिमा के सामने पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।

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