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संकट में भाजपा सरकार

हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में सदस्यों की मौजूदा क्षमता 88 है. सरकार के पास बहुमत से दो विधायक कम हैं. वर्तमान में भाजपा नीत सरकार को दो अन्य निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है.

हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार से समर्थन वापस ले लिया और घोषणा की कि वे कांग्रेस का समर्थन करेंगे. इसके साथ ही नायब सिंह सैनी सरकार राज्य विधानसभा में अल्पमत में आ गई. हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में सदस्यों की मौजूदा क्षमता 88 है. सरकार के पास बहुमत से दो विधायक कम हैं. वर्तमान में भाजपा नीत सरकार को दो अन्य निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है.

निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान (दादरी), रणधीर सिंह गोलन (पुंडरी) और धर्मपाल गोंदर (नीलोखेड़ी) ने नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख उदय भान की मौजूदगी में रोहतक में संवाददाता सम्मेलन में अपने फैसले की घोषणा की. हुड्डा ने कहा, ‘‘सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए. राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए और चुनाव कराया जाना चाहिए. यह जनविरोधी सरकार है

गोंदर ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम सरकार से समर्थन वापस ले रहे हैं. हम अब कांग्रेस के साथ हैं. हमने किसानों से जुड़े मुद्दों, महंगाई और बेरोजगारी सहित विभिन्न मुद्दों पर यह निर्णय लिया है.”

उदय भान ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘तीन निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को अपना समर्थन दिया है. सरकार को पहले जजपा के 10 विधायकों और निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन जजपा ने भी समर्थन वापस ले लिया और अब निर्दलीय भी साथ छोड़ रहे हैं.”

उन्होंने कहा, ‘‘नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार अब अल्पमत में है. मुख्यमंत्री सैनी को अपना इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि उन्हें एक मिनट भी पद पर रहने का अधिकार नहीं है

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हरियाणा समेत देश भर में कांग्रेस के पक्ष में लहर है और जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए निर्दलीय विधायकों ने यह फैसला लिया है. उन्होंने दावा किया कि लोगों ने राज्य में कांग्रेस की सरकार बनाने का मन बना लिया है.

गोलन ने कहा, ‘‘हमने ईमानदारी के साथ भाजपा सरकार को अपना समर्थन दिया था. लेकिन आज बेरोजगारी चरम पर है, महंगाई और किसानों के मुद्दे भी हैं. समाज का हर वर्ग तंग आ चुका है. लोगों को परिवार पहचान पत्र और संपत्ति आईडी प्रणाली से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.” जब पूछा गया कि उन्होंने पहले इन मुद्दों पर क्यों नहीं बोला, तो गोलन ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान भी उन्होंने अपनी आवाज उठाई थी.

सांगवान ने कहा, ‘‘किसान आंदोलन के दौरान, हमने उनकी (भाजपा सरकार) गलत नीतियों का विरोध किया. मैंने स्कूलों में पर्याप्त कर्मचारी नहीं होने जैसे मुद्दे भी उठाए.” एक सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘हम राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतने में मदद करने के लिए कांग्रेस का समर्थन करेंगे.”

करनाल से लोकसभा चुनाव लड़ रहे खट्टर ने करनाल से विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. हरियाणा के पूर्व मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने मार्च में विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. वह रानिया क्षेत्र से निर्दलीय विधायक थे और 24 मार्च को भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया. भाजपा ने हिसार लोकसभा सीट से रणजीत सिंह चौटाला को उम्मीदवार बनाया है.

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