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प्यार के खातिर अफसाना बन गई थी आस्था, पति ने ही उतारा मौत के घाट; छिपने को प्लास्टिक की बोतल बेचकर किया गुजारा

Afsana Murder Case पति ने अवैध संबंध के शक में अफसाना की गला घोंटकर हत्या की थी। वारदात के बाद वह बच्चियों को लेकर मथुरा पहुंच गया था और रेलवे स्टेशन पर रहने लगा। रुद्रपुर के सुभाष कालोनी में रहने वाले सौरभ राज ने आठ साल पहले अफसाना उर्फ आस्था से प्रेम विवाह किया था। दोनों ही मजदूरी करते थे।


🖊️ हरदीप सिंह रैना
आखिरकार 24 दिन बाद पुलिस ने अफसाना हत्याकांड का पर्दाफाश कर ही दिया है। पति ने अवैध संबंध के शक में अफसाना की गला घोंटकर हत्या की थी। वारदात के बाद वह बच्चियों को लेकर मथुरा पहुंच गया था और रेलवे स्टेशन पर रहने लगा। बच्चों को जब खाने के लाले पड़ने लगे तो उसने पत्नी का मोबाइल फोन बेच दिया था।

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अफसाना उर्फ आस्था से किया था प्रेम विवाह
मोबाइल खुलते ही पुलिस ने एक व्यक्ति को सर्विलांस के माध्यम से ट्रेस कर लिया और उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। शुक्रवार को पुलिस ने रुद्रपुर पहुंचकर हत्यारोपित को गिरफ्तार करने में सफलता पाई। शनिवार को पुलिस बहुउद्देशीय भवन में एसपी सिटी प्रकाश चंद्र ने बताया कि रुद्रपुर के सुभाष कालोनी में रहने वाले सौरभ राज ने आठ साल पहले अफसाना उर्फ आस्था से प्रेम विवाह किया था। दोनों मजदूरी करते थे।

29 फरवरी को सौरभ पत्नी व दो बेटियों के साथ शिवाजी कालोनी में गंगाराम मौर्य के मकान की दूसरी मंजिल पर किराए पर रहने लगा था। मकान मालिक गंगाराम के अनुसार, पति-पत्नी के बीच अक्सर विवाद होता था। सौरभ आठ अप्रैल की रात करीब 12 बजे घर आया। वह नशे में था।

आधी रात पति-पत्नी के बीच जमकर विवाद हुआ था। दोनों बच्चे वहीं मौजूद थे। सुबह करीब चार बजे सौरभ ने कमरे में बाहर से कुंडी लगाई और बच्चों को लेकर फरार हो गया। 10 अप्रैल को गंगाराम का नाती पप्पू कमरे में पुताई करने पहुंचा। कुंडा खोला तो अफसाना जमीन पर पेट के बल गिरी थी। शव सड़ चुका था और दुर्गंध उठ रही थी।

पुलिस ने अगले दिन शव का पोस्टमार्टम कराया और पति पर प्राथमिकी की। मंगलपड़ाव, ट्रांसपोर्टनगर चौकी इंचार्ज व एसओजी प्रभारी के नेतृत्व में टीमें हत्यारोपित की तलाश में जुट गई थीं। उन्होंने बताया कि हत्यारोपित मथुरा रेलवे स्टेशन पर छिपा था।

तीन मई को वह बच्चों के दस्तावेज लेने के लिए रुद्रपुर आया था, जहां टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इधर, सौरभ ने पुलिस को बताया कि उसे पत्नी के अवैध संबंध होने का शक था। इसी कारण से दोनों के बीच अक्सर लड़ाई होती थी। आठ अप्रैल को पत्नी ने लड़ाई की तो उसने गुस्से में गला

बच्चों को आइस्क्रीम व खाना खिलाने को बेचा मोबाइल
पुलिस व हत्यारोपित के बीच प्रेमपाल नाम का व्यक्ति अहम कड़ी रहा। हल्द्वानी में पत्नी की हत्याकर सौरभ दोनों बच्चियों को लेकर लालकुआं पहुंचा था, जहां से ट्रेन में बैठकर सीधे मथुरा पहुंच गया। मथुरा रेलवे स्टेशन पर उसने कुछ दिन प्लास्टिक की बोतल बेचकर गुजारा किया, लेकिन बच्चों का पेट भरने के लिए ये काफी नहीं थे।

बच्चों ने जब आइस्क्रीम व खाना खाने की जिद की तो सौरभ गन्ने की जूस की दुकान पर गया और मोबाइल बेचने की बात कही। इसी बीच बरेली में रहने वाला श्रमिक प्रेमपाल दुकान पर पहुंचा। सौरभ ने मोबाइल के 200 रुपये मांगे, लेकिन प्रेमपाल ने उसे 150 रुपये दिए और तीन गिलास गन्ने का जूस पिला दिया। इसके बाद मोबाइल लेकर आ गया। उसने अगले दिन मोबाइल खोला तो पुलिस ने उसका पीछा शुरू कर दिया।

जब प्रेमपाल ने पुलिस को छकाया
प्रेमपाल को ट्रेस करने के बाद पुलिस ने फोन किया। प्रेमपाल ने बरेली में होने के बावजूद कहीं और का पता बता दिया और फोन बंद कर लिया। मंगलपड़ाव चौकी इंचार्ज दिनेश जोशी व एसओजी प्रभारी संजीत राठौर ने उसका इंतजार किया। एक बार फिर मोबाइल खुलते ही लोकेशन का पता चल गया। प्रेमपाल घर से निकला ही था कि पुलिस ने उसे पकड़ लिया। इसके बाद सौरभ का पीछा करना शुरू किया।

सौरभ की तलाश में बेंगलुरू पहुंचे दीपक
हत्यारोपित को पकड़ने के लिए पुलिस की दो टीमों ने अपने-अपने स्तर से प्रयास किए। ट्रांसपोर्टनगर चौकी इंचार्ज दीपक बिष्ट बेंगलुरू पहुंचे। वहीं, मंगलपड़ाव चौकी इंचार्ज दिनेश जोशी व एसओजी प्रभारी संजीत राठौर मथुरा। आखिरकार सफलता मथुरा वाली टीम को मिली।

एसएसपी ने दिया ढाई हजार का इनाम
एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने घटना का पर्दाफाश करने वाली टीम को ढाई हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है। पहली टीम में कोतवाल उमेश कुमार मलिक, मंगलपड़ाव चौकी इंचार्ज दिनेश जोशी, एसओजी प्रभारी संजीत राठौर, हेड कांस्टेबल ललित श्रीवास्तव, चंदन नेगी, जबकि दूसरे टीम में ट्रांसपोर्टनगर चौकी इंचार्ज दीपक बिष्ट, मंडी चौकी इंचार्ज विजय मेहता, हेड कांस्टेबल इसरार अहमद, अरविंद, राजेश शामिल रहे।

बेटियां पूछती रहीं मां कहां है, पिता ने बोला झूठ
पत्नी का मारकर सौरभ दोनों बेटियों को नींद से जगाकर ले गया था। तब बच्चियों को लगा था कि मां सो रही है। क्योंकि पहले भी कई बार वह पत्नी से झगड़ा होने पर बच्चों को इसी तरह अपने साथ ले जाता था। मथुरा से जब सौरभ वापस नहीं आया तो बेटियों ने मां से मिलने की जिद कर दी और पूछती रहीं मां कहां हैं। सौरभ उनके जल्दी घर जाने व मां से मिलाने की बात कहकर झूठ बोलता रहा।

बाल संप्रेक्षण गृह में रहेंगी बेटियां
सीओ सिटी नितिन लोहनी ने बताया कि हत्यारोपित को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है। बेटियों को पालने वाला कोई नहीं मिला। इसलिए उन्हें बाल संप्रेक्षण गृह में भेज दिया गया है।

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