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डिवाइडर निर्माण में हो रहा है भ्रष्टाचार सरायपाली गौरव पथ

डिवाइडर की ऊंचाई को घटाकर ठेकेदार को पहुंचाया जा रहा है फायदा

 

 

 

 

 

 

 

 

कौन पहुंचा रहा है गौरव पथ निर्माण करने वाले ठेकेदार को फायदा?

सरायपाली शहर में गौरव पथ का निर्माण हो रहा है गौरव पथ निर्माण की मांग सरायपालीवासी दशकों से करते आ रहे हैं लेकिन इस मांग को स्वकृति मिली तत्कालीन कांग्रेस सरकार में जब तत्कालीन नगरीय निकाय मंत्री शिव कुमार डहरिया ने नगर पालिका अध्यक्ष {पूर्व} अमृत पटेल, हरदीप सिंह रैना के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए गोरव पथ को स्वीकृति प्रदान की और राशी आवंटित करते हुए शिलान्यास भी किया और गोरव पथ का निर्माण भी शुरू हुआ दोनों और नालिआं चौड़ी सड़क और बिच में डिवाइडर इस बिच राज्य से तथा नगर पालिका सरायपाली से कांग्रेस की सत्ता चली गयी इसके बाद निर्माण कार्य जारी रहता है परन्तु निर्माण कार्य में अब बदलाव दिखने लगता है जो डिवाइडर की ऊंचाई 2 फिट थी उसको अचानक से घटाकर एक फिट कर दिया जाता है तंदूरी बाइट्स के सामने से लेकर केंद्रीय विद्यालय तक डिवाइडर की ऊंचाई 2 फिट है जबकि उसके आगे बन रहे डिवाइडर की ऊंचाई सीधे एक फिट कर दी गयी है जिसका सीधा लाभ ठेकेदार को पहुच रहा है आखिर कौन पहुंचा रहा है ठेकेदार को लाभ यह बड़ा सवाल है

क्या कहते हैं पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अमृत पटेल

इस विषय पर हमने जब पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अमृत पटेल से बात की तो उन्होंने बताया की यह बात सही है स्टीमेट में की ऊंचाई डिवाइडर 2 फिट है जैसा की ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य स्टीमेट अनुसार चली भी किया गया था परन्तु पता नही क्यों अचानक से डिवाइडर निर्माण में उचाई को आधा कर दिया गया है जब की शासन की मंजूरी नही है अगर मंजूरी होती तो भी उसे सामान्य सभा के पटल पर रख कर सभी सदस्यों की सहमती जरूरी होती है पर ईस प्रकार की किसी भी प्रक्रिया का पालन नही किया जा रहा है जिसका सीधा मतलब है ठेकेदार को लाभ पहुचाया जा रहा है इसकी जांच होनी चाहिए दोषिओं पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए ..

गौरव पथ निर्माण में डिवाइडर की ऊंचाई ज्यादा कम होने से डिवाइडर को पैदल कही से भी पार करना आसान होगा एसे में दुर्घटनाओं के होने की सभावनाएं बढेंगी जब हमारे पडोसी शहर बसना में नियमों के तहत बन रहा है डिवाइडर तो सरायपाली में सारे नियम कानून ताक पर क्यों हैं? इस विषय पर जानकारी के लिए जब नगर पालिका के उप अभियंता भुवन कोशिक से फोन पर बात की गयी तोउन्होंने कहा की मुझे जानकारी नही है देख कर बताऊंगा .

अब इस पुरे मामले गौर करने वाली बात है की जनता की गाढ़ी कमाई भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ रही है और सब सत्ता में बैठे लोगों के नाक के निचे हो रहा है और ऐसा सिर्फ इसलिए किया जा रहा है ताकि ठेकेदार की आड़ में भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा सके

क्या दोषी अधिकारियों और ठेकेदार तथा नगर पालिका के सत्ता में बैठे जनप्रतिनिधि पर होगी कार्रवाई ?

भ्रष्टाचार का खुलाखेल खुली आंखों से देखा जासकता है परंतु सत्ता के नशे में मदहोश जनप्रतिनिधि और उन जनप्रतिनिधियों की संरक्षण में अधिकारी खुद को इतना सुरक्षित महसूस कर रहे है और भ्रष्टाचार का खुला खेल बीच सड़क में हो रहा है

 

 

 

 

 

 

 

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